आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
जब कथन हिंदी में करती हूं।
और लगे प्यारी मुझे ये,
जब हर शब्द इसका हिंदी मे लिखती हूं।
और भी मनमोहन लगे जब हिंदी में भाषण देती हूं
गर्व है मुझे इस हिंदी वर्णमाला पर ,
कठिन है मगर आसान समझती हूं।
होती हूं आनंद से विभोर मैं,
जब हर शब्द हिंदी का पढ़ता हूं।
जब लगे मुझे और भी आसान वेद पुराण ऋग्वेद उपनिषद में कथा हिंदी भाषा में सुनाती हूं।
कोई ना संशय रहता मन में,
हर शब्द को भावार्थ में समझती हूं।
हर भाषा का एक स्वरूप होता है,
मैं हिंदी को निजी भाषा समझती हूं।
आसान होते संवाद मेरे,
जब कत्ल हिंदी में कहती हूं।
स्वरा कुमारी आर्या ✍️