आसान नहीं होता है पिता बन पाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना
मुश्किलों में होकर भी खुद को मजबूत दिखाना
स्वयं कष्ट सहे पर परिवार से सब छुपाये
परिवार कष्ट में हो तो एकदम बेचैन हो जाए
बेटी की शादी का इंतजाम करना हो
या महीने पर बैंक की उधार किश्त भरना हो
आता है तनाव दबाकर चुप चाप मुस्कुराना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना……..
पत्नि से अनबन हो या बेटे से तकरार
रिश्ते निभाने हो, या दिन भर करना व्यापार
जानते हैं वो हर चीज में संतुलन बिठाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना…….
घर में किसी भी तरह की जरूरत हो
हँसकर हाँ कहते हैं, जब उदास हमारी सूरत हो
ये नहीं जताते कि कितना मुश्किल है पैसा कमाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना…..
खुद चाहे फटे कपड़ों में महीने निकाल देगे
और लेने कहो तो, बात को हँस कर टाल देगे
पर त्यौहार पर भूलते नहीं बच्चों को कुछ दिलाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना…..
दर्द तो उन्हें भी होता होगा सख्त होने का
मुखिया बनते बनते एहसास ए सदस्य खोने का
उनकी भी कुछ अपेक्षाएं होती होगी
पूरी न होने पर आंख रोती होगी
पर मजबूरी होती है उनकी सबसे आंसू छिपाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना……
माँ के किये की अहमियत तो सारा संसार समझता है
इसलिए दिल में प्यार और सम्मान रखता है
लेकिन क्या कभी पिता के कर्ज उतार पाएगा जमाना
आसान नहीं होता है पिता बन पाना……
~ Poetry By Satendra