आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
कितने ही राज दिल में दफ़न रखते हैं !
साथ रह कर भी रहते बनें अजनबी !
अपनी ही चाहतों पर कफ़न रखतें हैं !
@सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
कितने ही राज दिल में दफ़न रखते हैं !
साथ रह कर भी रहते बनें अजनबी !
अपनी ही चाहतों पर कफ़न रखतें हैं !
@सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’