आसमान
आसमान
अम्बर, आकाश, गगन, नभ, व्योम
कोई कहता इसको आसमान
छूने को हर कोई मचल रहा
भर रहा बहुत ऊंची उड़ान
पर जिस धरती पर जन्म लिया
उसका न विस्मरण कर देना
संकट में केवल जन्मभूमि
देती है आश्रय सदा यहां
आसमान
अम्बर, आकाश, गगन, नभ, व्योम
कोई कहता इसको आसमान
छूने को हर कोई मचल रहा
भर रहा बहुत ऊंची उड़ान
पर जिस धरती पर जन्म लिया
उसका न विस्मरण कर देना
संकट में केवल जन्मभूमि
देती है आश्रय सदा यहां