– आसमान में बादल छाए है –
आसमान में बादल छाए है –
फसले भी लहराए है,
मनभावन सावन के गीत गाए है,
खेत खलिहान खिलखलाए है,
मौसम ने अब करवट ली है,
गर्मी के बाद आसमान में बदरिया छाए है,
बरसेगे अब बदरिया धरती पर,
यह सोचकर मन ही मन मे धरती पुत्र मुस्कुराए है,
धरती डोल रही मिलने को,
बदरिया बारिश बनकर आए है,
खेत खलिहान हो रहे भरे किसान तब मुस्कुराए है,
सावन जब भी आए है,
आसमान में बादल छाए है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184