आसमान की सैर
देखें है मन के कभी ,कहां किसी ने पैर ।
करता है फिर भी मगर,आसमान की सैर ।।
चमत्कार समझे इसे, या प्रभु का वरदान।
आसमान की भर रहा,मनुआ नित्य उड़ान ।।
रमेश शर्मा
देखें है मन के कभी ,कहां किसी ने पैर ।
करता है फिर भी मगर,आसमान की सैर ।।
चमत्कार समझे इसे, या प्रभु का वरदान।
आसमान की भर रहा,मनुआ नित्य उड़ान ।।
रमेश शर्मा