आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
कई मोती समेटे स्वयम में सीप है वो।
खो गया है अब मिलेगा नहीं मुझे,
चाँद और तारों के समीप है वो।।
अर्चना मुकेश मेहता
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
कई मोती समेटे स्वयम में सीप है वो।
खो गया है अब मिलेगा नहीं मुझे,
चाँद और तारों के समीप है वो।।
अर्चना मुकेश मेहता