आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
कष्ट निवारण करो हमारे ,आए शरण तुम्हारी
साथ तुम्हारे माँ गौरा को, लाता है जब सावन
महादेव के जयकारे से, मन हो जाता पावन
जन अभिषेक तुम्हारा करने, लाते कांवड़ भारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
सोमवार का दिन भोले का,लगता सबको प्यारा
भक्त लोग अर्पण करते हैं, पंचामृत की धारा
करते हर अभिलाषा पूरी, तुम दीनन- हितकारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
नीलकंठ में धारण करते, तुम सर्पों की माला
शीश चंद्रमा जटा गंग है, तन सोहे मृगछाला
पल में ही खुश हो जाते तुम , हो भोले भंडारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
डॉ अर्चना गुप्ता
06.08.2024