Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2019 · 1 min read

आशीष बुज़ुर्गों का लेना

जीवन के अनुभव पाने को,राह लक्ष्य सरल बनाने को।
आशीष बुज़ुर्गों का लेना,मान हृदय से उनको देना।।

गिर-गिर संभल आए हैं जो,
तैर तीर को पाए हैं जो,
वो ही नेक दिशा दे सकते,
खुद ओर दिशा चल आए जो,
कर अभिमान भुला मत देना,यौवन छोर गिला मत देना।
संस्कार दिए हैं रिश्तों ने,तू छल दाँव चला मत देना।।

दादा-दादी नाना-नानी,
कहते आए रीत कहानी।
सीख उसी से मिलती आई,
रखना उसको याद ज़ुबानी,
बात सदा ख़ुद पर ही लेना,सोच समझ के उत्तर देना।
हर संकट पल टल जाएगा,जीवन मूल भुला मत देना।।

वृद्धाश्रम जो देख रहे हो,
आज नहीं कल देख रहे हो,
आँखों से पट्टी खोलो तुम,
सच है दिन में देख रहे हो,
खेल कपट का खेल न देना,दुनिया दी तुम ज़ेल न देना।
मौसम भी बदला करता है,बात सही है खेल न देना।।

उड़के नभ पर जाने वाले,
मुड़के भू पर आने वाले,
गतिशील बने रहना हँसके,
बरसें बादल छाने वाले,
भ्रमित हृदय मत होने देना,ख़ुद को तुम मत खोने देना।
हाँ!जीत तुम्हारी ही होगी,मन को तुम मत सोने देना।।

–आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
-दीवाली मनाएंगे
-दीवाली मनाएंगे
Seema gupta,Alwar
रखो अपेक्षा ये सदा,  लक्ष्य पूर्ण हो जाय
रखो अपेक्षा ये सदा, लक्ष्य पूर्ण हो जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
टूटे न जब तक
टूटे न जब तक
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
अनिल कुमार
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*Author प्रणय प्रभात*
संघर्षी वृक्ष
संघर्षी वृक्ष
Vikram soni
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
मुझ को इतना बता दे,
मुझ को इतना बता दे,
Shutisha Rajput
पेड़ से कौन बाते करता है ।
पेड़ से कौन बाते करता है ।
Buddha Prakash
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
Dr. Kishan Karigar
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🤔कौन हो तुम.....🤔
🤔कौन हो तुम.....🤔
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
हो नजरों में हया नहीं,
हो नजरों में हया नहीं,
Sanjay ' शून्य'
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जो ज़िम्मेदारियों से बंधे होते हैं
जो ज़िम्मेदारियों से बंधे होते हैं
Paras Nath Jha
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3265.*पूर्णिका*
3265.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
Loading...