आशिक़ी
आशिक़ी रात से न हो तो ।
मोसकी दिन से क्या भला ।
जो गिरा नही कभी सफर में,
वो डगर चला तो चला क्या ।
… विवेक दुबे “निश्चल”..©
आशिक़ी रात से न हो तो ।
मोसकी दिन से क्या भला ।
जो गिरा नही कभी सफर में,
वो डगर चला तो चला क्या ।
… विवेक दुबे “निश्चल”..©