Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2018 · 1 min read

आशिक़ी

आशिक़ी रात से न हो तो ।
मोसकी दिन से क्या भला ।
जो गिरा नही कभी सफर में,
वो डगर चला तो चला क्या ।
… विवेक दुबे “निश्चल”..©

Language: Hindi
302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुरुर
गुरुर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
😊आज श्रम दिवस पर😊
😊आज श्रम दिवस पर😊
*प्रणय प्रभात*
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
एक जहाँ हम हैं
एक जहाँ हम हैं
Dr fauzia Naseem shad
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
हिंदी भाषा में प्यार है
हिंदी भाषा में प्यार है
Sonam Puneet Dubey
संभव की हदें जानने के लिए
संभव की हदें जानने के लिए
Dheerja Sharma
4204💐 *पूर्णिका* 💐
4204💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
इशरत हिदायत ख़ान
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
बिखरा ख़ज़ाना
बिखरा ख़ज़ाना
Amrita Shukla
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
Since morning
Since morning
Otteri Selvakumar
आभास (वर्ण पिरामिड )
आभास (वर्ण पिरामिड )
sushil sarna
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दस्तूर
दस्तूर
Davina Amar Thakral
"इस दुनिया में"
Dr. Kishan tandon kranti
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सोच तो थी,
सोच तो थी,
Yogendra Chaturwedi
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...