आशिक़ शायर
फोन पर गुफ्तगू करते करते पूछने लगी उनकी बहना।
यह कौन शख्स है जरा हमको भी बतला देना।
वह कहने लगी है मोहब्बत का मारा हुआ कोई शायर।
शायद दिल का मुकदमा कर दिया है किसी पर दायर।
हम तो मन ही मन गदगद हुए बैठे थे।
बेशक उनके चेहरे पर निगाहें जमाए बैठे थे।
बेबाक अंदाज में हमने उन मोहतरमा से फरमाया।
इस शायर की शायरी पर है उन्हीं की परछाईं का साया।
उनकी बहन की मोहब्बत ने ही बना दिया है शायर।
मोहब्बत से पहले हम भी थे अपने दिल के सिकंदर।