आशा निराशा के हिंडोले में
आशा निराशा के हिंडोले में झूलता इन्सान
हर प्रतिपल अपने को तौल चलता इन्सान
आशा की ओर झुकता है उसका जब मन
उला उला फिरा करता है तब उसका मन
आशा निराशा के हिंडोले में झूलता इन्सान
हर प्रतिपल अपने को तौल चलता इन्सान
आशा की ओर झुकता है उसका जब मन
उला उला फिरा करता है तब उसका मन