Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2018 · 2 min read

आशा के दीप

“आशा के दीप”
मस्तिष्क छोड़ हिय में वापस आजाओ।
निज आदर्शों का कुछ तो बोझ हटाओ।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।

मुझे नहीं पता क्या सही क्या गलत।
तुम्हे केंद्र में रखने का प्रयास रहा सतत।।
मन मंदिर की प्रतिमा हुई विघटित।
निज प्राणों से अंकुरण थे प्रस्फुटित।।
निज घट में मन को स्नान कराओ।।०।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।
पतझड़ में कैसे फूल खिलाऊँ।
एकाकी नव बहार कैसे लाऊँ।।
किस किसको मैं मन की बात बताऊँ।
या कैंसे हर मन में बस जाऊँ।।
काँटों पर चलने का साहस न लेजाओ।।०।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।
विश्वास और प्रगाढ़ चाहता रहा।
हिय पुष्प महके घ्रांणाकर्ष प्रवाहता रहा।
दल दल अगोचर त्राण चाहता रहा।
कमलकुञ्ज ऊर्ध्व प्राण चाहता रहा।।
कीचड़ जल पार करूँ,गर ऊर्जा बनजाओ।।०।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।
शूल बढ़ते गये थमते गये झूले।
समिधाएं चढ़ाईं बहुत पर मन्त्र भूले।।
मन में गीत नहीं तो पथ में स्वांस फूले।
निज में खोए सदा हमे कहाँ भूले।।
अंतर्मन से निकलो या हमे वहाँ लेजाओ।।०।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।
भौतिकी पढ़ी क्यों रसायन प्रबल हैं।
अति का प्रदर्शन,यानि बुद्धि निर्बल है।।
आस्थाएँ खोके सिर्फ अँधेरे का कल है।
ख़ुशी खोजते हुए दुःखी हर पल है।।
मुस्कान बिखेरो,खुशियों का अंबार लगाओ।।०।।
हिय तारों में, फिर झंकार जगाओ।
और ऊर्जा ले आशा के दीप जलाओ।।०।।
डॉ.कमलेश कुमार पटेल “अटल”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दर्द- ए- दिल
दर्द- ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
अब ज्यादा तंग मत कर ।
अब ज्यादा तंग मत कर ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
दस्तूर
दस्तूर
Davina Amar Thakral
निर्मल निर्मला
निर्मल निर्मला
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
manorath maharaj
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
" विश्व शांति "
DrLakshman Jha Parimal
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नया साल
नया साल
umesh mehra
कल रात
कल रात
हिमांशु Kulshrestha
4121.💐 *पूर्णिका* 💐
4121.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जी आजाद इस लोकतंत्र में
जी आजाद इस लोकतंत्र में
gurudeenverma198
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
"जांबाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
18--- 🌸दवाब 🌸
18--- 🌸दवाब 🌸
Mahima shukla
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
Ajit Kumar "Karn"
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
shabina. Naaz
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
मुखौटा!
मुखौटा!
कविता झा ‘गीत’
कविताएं
कविताएं
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
कल मेरा दोस्त
कल मेरा दोस्त
SHAMA PARVEEN
Loading...