आशाओं की डोर
मोहब्बत तो किसी तरफ से नहीं थी
ये तो केवल आशाओं की डोर है।
दिल सैकड़ों खंडो में टूट गया
जब पता चला उसका कोई और है।
संजय कुमार✍️✍️
मोहब्बत तो किसी तरफ से नहीं थी
ये तो केवल आशाओं की डोर है।
दिल सैकड़ों खंडो में टूट गया
जब पता चला उसका कोई और है।
संजय कुमार✍️✍️