आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
(शेर)- कण- कण में जहाँ उपजे वीर, वह है राजस्थान।
राणा प्रताप- दुर्गा दास, यह धरती है राजस्थान।।
बना रहे ऐसे सम्मान हमेशा, अपने राजस्थान का।
पौधें लगाकर आवो बनायें हम,हरियाला राजस्थान।।
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बने जगत में महान, यह अपना राजस्थान।
आवो मिलकर बनायें हम, हरियाला राजस्थान।।
बने जगत में महान——————————–।।
जब लगेंगे पौधें धरा पर, हरी-भरी धरती होगी।
होगी धरा पर वर्षा बहुत, बंजर नहीं धरती होगी।।
बची रहे इस धरती पर, सभी जीवों की जान।
आवो मिलकर बनायें हम, हरियाला राजस्थान।।
बने जगत में महान—————————।।
शीतल छाया मिले सभी को, पौधें लगायें हम सभी।
कम होगा इससे प्रदूषण, स्वस्थ रहेंगे हम सभी।।
पेड़- पौधें तो होते हैं, हम सबके लिए वरदान।
आवो मिलकर बनायें हम, हरियाला राजस्थान।।
बने जगत में महान—————————।।
पौधें लगाकर हम सभी, धरती का श्रृंगार करें।
बाढ़- मृदा क्षरण से हम, इस धरती की रक्षा करें।।
हाथ बढ़ायें ऐसे काम में, बच्चें- बूढ़े और जवान।
आवो मिलकर बनायें हम, हरियाला राजस्थान।।
बने जगत में महान—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)