‘’ आवाज़-ए-दिल ’’
दिल मेरा न तोड़ो ज़माने की बात मानकर,
हमसे महोब्बत करो दिल की बात मानकर,
एक रोज़ आओ भी हमसे मिलने,
इस बन्दे की खुदा से मुलाकात जानकर,
खुदा ने तुमको संगमरमर से तराशा,
हमको भी नियामतो से नवाजा ये बात जानकर,
ये दिल संभाल कर रखा है सिर्फ तुम्हारे लिए,
ओरो में न बांट देना खेरात जानकर,