****आवाह्न शक्ति का………***
जागो हे शक्ति स्वरूपा
जागो निर्मल जल धारा ,
जागो….
जागो करुणामयि
विनाशिनी अब जागो
बजा दो डंका शक्ति ज्योत का
प्रेम से भर दो धारा स्रोत का
आनंद विभोर कर दो जग को
मिटा दो अंधकार….
परिपूर्ण हो जाए संसार..
आशाओं का हो त्यौहार,
जागो लेकर नव वसंत बहार…
अधर में है तेरे संतान
सीखा सबको वास्तविक ज्ञान।।।।।।।
जागो हे शक्ति स्वरूपा।।
जागो……….
(बिमल रजक)