आवाज : हर देशभक्त की
राष्ट्र धर्म की रक्षा खातिर
आवाज उठाना चाहता हूँ ,
भारत में बैठे गद्दारों का
बस देश निकाला चाहता हूँ !
कहीं राम पर राजनीति है
कहीं मौलवी गंदा बोल गए,
कहीं सियासी दावं लगाकर
पप्पू जी मस्जिद खोल गए ,
राह चौराहे पर अब इनका
मुंडन करवाना चाहता हूँ ,
भारत में बैठे गद्दारों का
बस देश निकाला चाहता हूँ !
अरे जिस थाली में खाया देखो
हर रोज उसी में छेद किया ,
आतंकी कर्मो से देखो
भारत माँ का दिल भेंद दिया ।
सत्ता से बढकर भारत माँ
बस बात यहीं बतलाता हूँ ,
भारत में बैठे गद्दारों का
बस देश निकाला चाहता हूँ !
दिलेर हमारे फौजी देखो
घर घूँस सर्जिकल कर आए ,
एक तरफ कजरू जी बोले
हम मानेंगे गर सबूत दिखाए ,
ऐसे कजरी-मफ्फलियों की
बस कुर्सी खाली चाहता हूँ ,
भारत में बैठे गद्दारों का
बस देश निकाला चाहता हूँ !
बना निशाना करें राजनीति
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों को
खुले आम चौराहों पर अब
लटका दो गद्दारों को ।
हर मुँह से निकले वंदे मातरम्
और भारत की जय चाहता हूँ ,
भारत में बैठे गद्दारों का
बस देश निकाला चाहता हूँ !
✍? पवन जयपुरी