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12 Sep 2023 · 1 min read

आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar

कुछ दूर से सही पर आवाज़ दीजिए
नई दोस्ती का फिर से आग़ाज़ कीजिए

साथ रह के बढ़ गई नज़दीकियाँ बहुत
किसी बहाने उनको नाराज़ कीजिए

वो पूछते नहीं हैं अब ख़ैरियत भी यारों
तबियत हमारा फिर से नासाज़ कीजिए

करने लगे हैं दुनियाँ के जख़्मों पे मरहम
सफ़ में खड़े हैं हम भी इलाज कीजिए

झुकने में आपका ना घट जाए कहीं गौरव
ख़ुद को ना इस तरह से फ़राज़ कीजिए

~विनीत सिंह

1 Like · 320 Views
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