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26 May 2023 · 1 min read

आलिंगन

आलिंगन

मृग छोने ने
लिपटकर
सरल ह्रदय
माँ से पूछा
माँ, आलिंगन क्या होता है ?

दोनो पंजे गर्दन पर रख
फेर गाल पर जीभ
माँ ने समझाया
आलिंगन, ये होता है.

दुबककर माँ के सीने मे
सोच रहा वह मृगछोना
सामीप्य और सुरक्षा कवच
आलिंगन ये होता है.

अगले ही पल,
दूर खड़ा झुरमुट के पीछे
देख रहा जबडो़ं को भीचें
सिंह खड़ा माँ के सीने पर
दाँत गढा गर्दन मे
माँ का लहू पीता है,

लाचार खडा वह मृग छोना
सोच रहा मन ही मन
माँ, तूने नही बताया मुझको
आलिंगन . ये भी होता है.

नम्रता सरन ” सोना “

3 Likes · 2 Comments · 81 Views
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