आर्य समाज का वार्षिकोत्सव
आर्य समाज का वार्षिकोत्सव
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आर्य समाज पट्टी टोला रामपुर के वार्षिकोत्सव में इस बार प्रवचन कर्ता श्री नीलम कुमार झावेरी शास्त्री जी उपदेशक की दृष्टि से अति विशिष्ट रहे। प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में दिनांक 3 नवंबर 2019 रविवार प्रातः काल आपने जोर देकर कहा कि केवल नारे लगाने से अथवा रटे-रटाए शब्दों को दोहराने से परिवर्तन नहीं आता । परिवर्तन तब आता है जब हम ज्ञान को विवेक में परिवर्तित कर पाते हैं ।
आपने “ज्ञान और विवेक” शब्द की व्याख्या की और कहा कि देखने से, सुनने से, पढ़ने से आदि प्रकारों से हमें जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं ,लेकिन उस जानकारी को जब हम अपने जीवन में आत्मसात करते हुए उसका उचित उपयोग सन्मार्ग में चलने में लगाते हैं, तब हमारा विवेक जागृत होता है और तभी लक्ष्य की प्राप्ति हो पाती है। तभी जीवन आनन्दमय होता है ।
वर्तमान की स्थिति यह है कि व्यक्ति बड़ी-बड़ी बातें तो कर लेता है । बड़ी-बड़ी बातों के अनुरूप जीवन- शैली विकसित नहीं हो पाती। आपने कहा कि प्रमुखता से आप भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रीय वातावरण निर्मित करने का कार्य कर रहे हैं ।आज वर्तमान में बड़े-बड़े आईएएस पीसीएस अधिकारी, उद्योगपति और राजनेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैंंं। आपने उनके विरुद्ध आवाज उठाई तो आपको रिश्वत की पेशकश की गई ,ऐसा प्रसंग सुनाकर आपने कहा कि मेरा कहना यह है कि काले धन से कोई अच्छा काम नहीं हो सकता। बुरे पैसे से अच्छाई पर आधारित समाज की रचना नहीं हो सकती। और प्रश्न यह भी है कि हमें अधिक धन क्यों चाहिए? बड़े-बड़े गहनों से भरी हुई अलमारियाँ,बेशुमार कपड़े साड़ियाँ,सूट, अत्यधिक मँहगे जूते, आलीशान गाड़ियाँ, अत्याधिक आलीशान बंगले और कोठियाँ- यही सब जीवन को बुराई पर आधारित बनाने के लिए जिम्मेदार प्रवृतियाँ हैं।
वेदों से एक भी पंक्ति उद्धृत किए बगैर आप का प्रवचन हृदय को झकझोर देने वाला था ।आपकी वाणी में राष्ट्र की आत्मा मुखर हो रही थी। आपको सुनना अद्भुत अनुभव रहा।
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समाचार लेखक :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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