आराम से कट रहें हैं सुबह और शामें उनके,
आराम से कट रहें हैं सुबह और शामें उनके,
दूर दूर तक मशहूर हैं नाम उनके,
वादा साथ रहने को किया उसने,भूल गई,
फिर भी दूर तलक मशहूर हैं कारनामे उसके,
सुबह,दोपहर,शाम,रात की क्या बात करते हो,
हमारा बस चले तो कर दें पूरे कायनात उनके,
वक्त की ज़रा सी तंगी है अभी ज़िन्दगी में,
वरना छिन लेते शर से ताज उनके,
मुकदर का सिकंदर बनना चाहते हो, तो सुनो,
बनते वहीं हैं जिसके दुआएं साथ हो मां बाप के उनके,