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12 Dec 2023 · 1 min read

आरम्भ

शीर्षक – आरम्भ
जीवन और जिंदगी का आरम्भ हैं।
प्रकृति के संग साथ साथ हम हैं।
मन और भाव का आरम्भ विचार हैं।
तेरी मेरी चाहत भी तो कुदरत हैं।
जन्म ही हम सब का आरम्भ हैं।
जीवन शैली ही तो हमारा मंत्र हैं।
आरम्भ अगर होगा तब अंत हैं।
न जन्म से हम साथ कुछ लाए हैं।
चाहत मोहब्बत इश्क आरम्भ हैं।
शारीरिक मानसिक और मन हैं।
सच तो सभी संसारिक आरम्भ हैं।
हम तुम संग साथ बस समय तक हैं।
हां सच और फरेब का मंथन मन हैं।
आरम्भ और जीवन का ही महत्व हैं।
हम सब के सफर में मैं का आरम्भ हैं।
न अपना न पराया बस मन भाव हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
232 Views
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