आरती भारत माता ,आज तू माते क्यो तू खो गई है
आज तू माते क्यो तू खो गई है
राजनिति से हार क्या सो गई है।
आरती भारत माता
जय भारत माता मैय्या जय भारत माता
हिन्द की जननी तू, माँ आर्यों की विधाता
मैय्या जय……
छत्रपति माँ कह तुझे बुलाये
भगत के सपनों में माँ तू आये
सुखी तेरी खातिर फांसी खाता
जय भारत माता…..
लक्षमी भी तलवार चलाये
कल्पना सी ऊँची उड़ जाये
भरत यहाँ शेर से लड़ जाता
जय भारत माता….
महाराणा चेतक की माँ यारी
राधा कृष्ण की ये मूरत प्यारी
राम मर्यादा पुरषोतम कहलाता
जय भारत माता….
मीरा माँ हो या रसखान
बर्बरीक का हो शीश दान
कर्ण भी महान बन जाता
जय भारत माता….
शून्य का हो अविष्कार जहां पर
विदेशी का हो बहिष्कार जहाँ पर
चाणक्य अखण्ड भारत की शपथ खाता
जय भारत माता…..
तू बता माँ तुझे कितने शीश चढाए
कितने मुल्क माँ तेरे चरणों में गिरायें
तू हिंदी की माँ है जन्मदाता
जय भारत माता….
मेरी कलम माँ जय तेरी बोलेगी
सोच समझकर सबको तोलेगी
सवा लाख से गुरु गोविन्द एक लड़वाता
जय भारत माता…
माँ हमने शीश थाली में है सजाया
हवा के झोंको से माँ तूने है बचाया
तेरी माला में माँ खुद का मैं शीश चढ़ाता
जय भारत माता…
अशोक की माँ आरती करों स्वीकार
नारयण को कहो लो अब लो अवतार
तू सिसके माँ तो मेरा दिल भी है भर आता
जय भारत माता……
छत्रपति शिवाजी माँ तुझे छत्र चढ़ाये
सम्राट अशोक अखण्ड भारत बनाये
चंदू जहाँ सिकन्दर को मारा भगाता
जय भारत माता……
सुना तू सपनो में थी कभी आती
वीरता के बीज माँ थी तू बो जाती
जब तेरी आँख में कोई आसुँ आता
जय भारत माता…..
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से