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10 Jun 2019 · 1 min read

आरजू

हम से ना हो कोई भी गुनाह, चाहते हैं
ए मालिक हम बस तेरी पनाह चाहते हैं
कुछ तो बात जरूर होगी मशवरे में
यूं ही नहीं लोग हमारी सलाह चाहते हैं
आज की दुनिया में कौन किसी से डरता है
फिर भी लोग अमन की राह चाहते हैं
बड़े अजीब रिवाज़ हैं तेरे शहर के
शायर यहां हर कलाम पर वाह चाहते हैं
बेटी को दूसरे के हाथ में सौंपने वाले
उसके लिए थोड़ी सी परवाह चाहते हैं
हमने कुछ और नहीं मांगा जिंदगानी से
हम तो चंद वादों का निबाह चाहते हैं

2 Likes · 3 Comments · 332 Views
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