आये हमारे पास वो पूरे “हिजाब” में
आये हमारे पास वो पूरे “हिजाब” में !
रोशन हो शम्मा जैसे बुझते “चराग” में !!
चश्मे-बसर से खुद को कैसे बचाओगे !
हर कोई ढूंढ लेगा तुमको “शराब” में !!
रमेश शर्मा.
आये हमारे पास वो पूरे “हिजाब” में !
रोशन हो शम्मा जैसे बुझते “चराग” में !!
चश्मे-बसर से खुद को कैसे बचाओगे !
हर कोई ढूंढ लेगा तुमको “शराब” में !!
रमेश शर्मा.