आया सावन
आया सावन महीना फिर झूमकर
दिल सभी का मचलने लगा (=२)
रिमझिम वर्षा हुयी संग सुहानी हवा ,खेत खलिहान में हरियाली छाने लगी ,
इसे देख पशु पक्षी उछलने लगा , है लैसी सुहानी घड़ी आ गयी
बादल काले काले घने देखकर
भीगने को ककदम खुद चलने लगा
आया सावन महीना फिर झूमकर
दिल सभी का मचलने लगा (=२)
पेड़ पौधे सभी झूमने से लगे , खेत खलियान में हरियाली छ गयी
देखकर फसल को किशानो के मन गज़ब की खुशहाली छ गयी
मोर बागो में नाच नाचकर ,
मेढ़को को तर तर कराने लगे
आया सावन महीना फिर झूमकर
दिल सभी का मचलने लगा (=२)
नदियो का पानी कल कल करने लगा ,पर्वतो सं झरने अच्छे लगे
फूल खिलने लगा सब कलियाकलिया खिल गयी मन ही मन मुस्कराने लगे
बागो में सभी झूले झूलकर
सख्यां की कजरी से मन हर्षने लगा
आया सावन महीना फिर झूमकर
दिल सभी का मचलने लगा (=२)
कह रहा अंकुर दीवाना ये गा गाकर
मेरा दिल भी अब मचलने लगा
आया सावन महीना फिर झूमकर
दिल सभी का मचलने लगा (=२)