आया सावन मन भावन
आया सावन मन भावन,
बड़ा ही पावन, आया रे सावन!!
चारों ओर हरियाली,
झूम रही डाली -डाली,
कुहू -कुहू करती,
काली कोयलिया मतवाली,
लगे बड़ा सुहावन,
आया रे सावन!!
सुगन्धित चले, पवन बयार,
शुरू हुए तीज त्यौहार,
रिमझिम वर्षा की बौछार,
सखियाँ झूलों पर सवार,
लगे गीत गावन,
आया रे सावन!!
बादलों की गड़गड़ाहट,
बिजलियों की कड़कड़ाहट,
मेढकों की टरटराहट,
वर्षा की है ये आहट,
लगे घनघोर घटा -छावन,
आया रे सावन!!
स्वरचित
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़