आया राखी का त्यौहार।
चलो सखी बाजार चलें
आया त्यौहार है राखी।
लेकर सुंदर एक अनमोल लड़ी
हांथ सजाएं भाई का।
चलो सखी बाजार चलें
आया त्यौहार है राखी का।
हर साल के जैसा इस साल भी
सुंदर राखी मैं लाऊंगी।
रंग बिरंगे राखी से
भईया के हांथ सजाऊंगी।
चलो सखी बाजार चलें
आया त्यौहार है राखी का ।
सजा धजा के एक सुंदर थाली
एक सुंदर सा दीप जलाऊंगी।
खुश्बू जैसे चंदन से
माथे पर तिलक लगाऊंगी।
चलो सखी बाजार चलें
आया त्यौहार राखी का।
चमचम करती थाली से
फेरे चहरे के लगाऊंगी।
प्यारे प्यारे अपने हांथो से
भईया को मिठाई खिलाऊंगी।
चलो सखी बाजार चलें
आया त्यौहार है राखी का।
संजय कुमार✍️✍️