**आया बनकर कहर तू तो**
हाय कोरोना हाय कोरोना क्या से क्या कर डाला रे।
जबा पर सबकी जग में अब तो, तेरे ही नाम की माला रे
आया बनकर कहर तू तो, सारे जग को रुलाया रे ।।
बदला जीवन कईयों का ,बेमौत मरण तेरे ही कारण।
कैसे जीते खोज रहे हैं ,मिला नहीं अभी कोई निवारण ।
समझ ना आए काम गवाएं, बंद हुई पाठशाला रे।
आया बनकर कहर तू तो, सारे जग को रुलाया रे।।
चाहे डरा ले, कितना ही सता ले, हार नहीं हम मानेंगे।
विजय सुनिश्चित है हमारी, तुझको एक दिन दफना देंगे।
खत्म तुझे करके ही रहेंगे, लगी है अनेकों शोध शाला रे।
आया बनकर कहर तू तो, सारे जग को रुलाया रे।।
राजेश व्यास अनुनय