*आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद
आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद )
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आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया
जो प्रबल आस्था रखता है, वह पेड़ न हर्गिज छला गया
फिर उचित समय जब आएगा, नव-सुंदर वृक्ष सजाएगी
जिसको देती है प्रकृति मान, देने अवश्य ही आएगी
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451