Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2022 · 1 min read

आम ही आम है !

आम ही आम है !

वागड. की धरा पर
वो मोर की महक
संग तोतों की चहक
पोपले से गदराए
लालिमा युक्त गात
लाल- हरे रंगीन पात
शिशु के मुंह में उग आए
कोमल नन्हें-नन्हें दांत
ज्यों मुस्करा उठते हैं !
साल दर साल
बेनज़ीर और बेमिसाल
और तो और
सुनी सुनाई हर बात
आमों के बारें में कि
दादा बोए पोता खाए !
इसी तरह जंगल में
दरख्त आमों के उग आए !
आज बात झूठी लगती है !
जो मारवाड़ मेंं बच्चों को
बचपन से सिखाती है !
बहुत कठिन काम है !
आम का आम होना
मिट्टी में दुबक कर पनपना
वाकई आम बहुत खास है !
यूं फलों का राजा आम है !
जो कुछ सालों का अंजाम है !
मारवाड़ के नीम सरीखा
वागड़ में आम ही आम है !

© हरीश सुवासिया
आर. ई. एस.
देवली कलां (पाली)

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 589 Views

You may also like these posts

पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बदलते लोग भी टीचर से कम नहीं हैं,हर मुलाकात में कुछ नया सिखा
बदलते लोग भी टीचर से कम नहीं हैं,हर मुलाकात में कुछ नया सिखा
पूर्वार्थ
ME TIME
ME TIME
MEENU SHARMA
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
कलियुगी महाभारत
कलियुगी महाभारत
Mukund Patil
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
*
*"मजदूर"*
Shashi kala vyas
तुम समझते हो कि हम रिश्ते की दुहाई देंगे,
तुम समझते हो कि हम रिश्ते की दुहाई देंगे,
Jyoti Roshni
सजल
सजल
seema sharma
संवेदना
संवेदना
Shama Parveen
मस्तमौला फ़क़ीर
मस्तमौला फ़क़ीर
Shekhar Chandra Mitra
यह बात शायद हमें उतनी भी नहीं चौंकाती,
यह बात शायद हमें उतनी भी नहीं चौंकाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"पेट की आग"
Dr. Kishan tandon kranti
नैतिकता का इतना
नैतिकता का इतना
Dr fauzia Naseem shad
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
साँस-साँस में घुला जहर है।
साँस-साँस में घुला जहर है।
Poonam gupta
आदमी मैं नहीं वैसा
आदमी मैं नहीं वैसा
gurudeenverma198
कितनी जमीन?
कितनी जमीन?
Rambali Mishra
*सामयिक मुक्तक*
*सामयिक मुक्तक*
*प्रणय*
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
Rj Anand Prajapati
तितली रानी
तितली रानी
अरशद रसूल बदायूंनी
इतना दिन बाद मिले हो।
इतना दिन बाद मिले हो।
Rj Anand Prajapati
इल्जामों के घोडे
इल्जामों के घोडे
Kshma Urmila
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
नूरफातिमा खातून नूरी
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
Rajesh Kumar Arjun
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...