Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

आभास (वर्ण पिरामिड )

आभास (वर्ण पिरामिड )

मैं
तुम
यथार्थ
और हम
एक विश्वास
जीवन है माया
देह सिर्फ आभास

सुशील सरना

34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यही तो जिंदगी का सच है
यही तो जिंदगी का सच है
gurudeenverma198
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अवध में राम
अवध में राम
Anamika Tiwari 'annpurna '
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
2897.*पूर्णिका*
2897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
पिता की इज़्ज़त करो, पिता को कभी दुख न देना ,
पिता की इज़्ज़त करो, पिता को कभी दुख न देना ,
Neelofar Khan
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Dr.Pratibha Prakash
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
Ravi Prakash
तुम ही तो हो
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड
Sandeep Pande
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
विकास शुक्ल
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नई नई आंखे हो तो,
नई नई आंखे हो तो,
पूर्वार्थ
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
Anand Kumar
..
..
*प्रणय प्रभात*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
"सैल्यूट"
Dr. Kishan tandon kranti
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
अन्तर्मन में अंत का,
अन्तर्मन में अंत का,
sushil sarna
Loading...