#आप_भी_बनिए_मददगार
■ आप भी बनिए मददगार
【प्रणय प्रभात】
प्यारे मित्रों!
आप सभी जानते हैं कि इन दिनों महामारी की आपदा के बाद अर्थव्यवस्था अब भी पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई है। भले ही सरकारी आंकड़े कुछ भी बोलते रहें, मगर सच यह है कि देश के एक बड़े तबके के सिर पर तंगी और मंहगाई की दुधारी तलवार अब भी लटकी हुई है। जिसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव अति-निम्न व निम्न वर्ग पर पड़ रहा है।
ऐसे में हमारी छोटी-छोटी मदद तमाम सारे वंचित परिवारों के बच्चों व अभिभावकों को राहत दे सकती है। इसके लिए आप घर में जमा बीते साल की अनुपयोगी हो चुकीं पाठ्यपुस्तकों, बस्तों, लंच बॉक्स व वाटर-बेग सहित जूते-मौजे, बेल्ट व ड्रेस जैसी चीजें ज़रूरतमंदों को दे सकते हैं। इसके लिए किताबों व अन्य उपलब्ध चीजों के फोटो आप फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडियाई मंचों की वाल पर पोस्ट करें। जो ज़रूरतमंद होंगे वो आपसे संपर्क कर लेंगे। जो अभावग्रस्त परिवार सोशल मीडिया से जुड़े नहीं हैं उन्हें इस तरह की जानकारी से अवगत करा कर भी आप पीड़ित मानवता की मदद कर सकते हैं।
यह अनुरोध इसलिए कर पा रहा हूँ, कि मैंने अपने छोटे स परिवार के साथ इस दिशा में कोशिश कर के आत्मीय सुख का आभास किया है। सवप्रेरित मिशन मुस्कान के तहत। मुस्कान में भगव देखने की मान्यता के अनुसार। आज मुझसे कोई पूछे कि “भगवान कहाँ मिलता है…?” तो मैं कहूंगा कि “मासूमों की मुस्कान में।”
तो आइए आगे और बढ़ाइए मदद का हाथ। आज नहीं, बल्कि अभी लीजिए संकल्प और बना लीजिए इसे अपना मिशन। ताकि अनुपयोगी सामग्री का सदुपयोग हो और वंचित बच्चों के मायूसी में डूबे चेहरों पर मुस्कान आए। यक़ीनन, आप इसके बाद बेहद आनंद व संतोष रूपी उस उपहार की प्राप्ति कर सकेंगे, जो बाज़ार की किसी दुकान पर नहीं मिलता।
जय हिंद।।
★सम्पादक★
न्यूज़ & व्यूज़
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
प्रीति प्रणय भटनागर