आप हमे पड़े हम आपको पड़ेंगे ___ कविता
आप हमें पड़े हम आपको पड़ेंगे।
साथी हम दोनों मिलकर आगे बढ़ेंगे।
विचारों में क्रांति है हमारे तुम्हारे,
नित्य ही हम दोनो नव सृजन करेंगे।।
भटके मुसाफिर को राह दिखाने में,
खप जाएं जिंदगी चाहे पीछे नहीं हटेंगे ।
यही तो कर्म चुना हे तुमने मैने ,
इस धर्म पर हम तो खरे उतरेंगे।।
विचारधाराएं अपनी लोग पढ़े,
सपने अपने भी गढ़े,
“अनुनय” उत्तम विचारधारा पर ही चलेंगे।।
राजेश व्यास अनुनय