मेरी भी आशिक़ी
१.आप से मिलने के लिए ये नेत्र बेकरार है
कहीं तो मिले जाइए सागर ,
अभी नदी में उफान बाकी है
कुछ रही -सही अभी भी मोहब्बत में ,
अभी भी कई अरमान बाकी है ।।
————————————-
२.बरिश में अश्क के तो राज छुपा लिया,
बदल की शोर ने ह्रदय करुण स्वर रोक लिया,
तेरे नफरत भारे नजर अंदाज चुपा चाप थाम लिए !
————————————
३.दर्द ने दर्द को छिपा दिया
बारिश ने अश्क छिपा दिया
आशिक ने तेरी नफरत छिपा दिया
————————————–
४ डाकिया से प्यार भरा संदेश आ जाए
तेरे पैरों के आहट का वजूद दिख जाए
सावन के महीनों में झूला दिख जाए
रात बड़ी लंबी होती है
बस तेरे बिना दिल कट जाए।
———————————
५.रात में तेरे सपनों का सहारा है,
टिमटिमाते तारों में तेरी मुस्कुराहट है
चांद की चांदनी में तेरी रमंगी है
जिंदगी रहने के लिए बस तेरे सपनों का सहारा।
——————————–
६.भगवान भी देख कर मुस्कुराना छोड़ दिया है
बादलों ने भी रंग बदलकर बरसना शुरू कर दिय
नीति ठीक, धर्म ठीक रंग बिरंगी दुनिया की रोशनी ठीक
कुर्तियों से भरा समाज ने दुनिया की परिभाषा बदल दिया।
गौतम साव