आप सालिब से प्यार करते हैं
दश्मनों से मिला नहीं करते
दोस्तों से गिला नहीं करते
खूब वाक़िफ़ हैं तेरी सूरत से
पेश बस आइना ..नहीं करते
आप नाहक़ इन्हें सताते हैं
ये परिन्दे ख़ता नहीं करते
जिसने पैदा किया है उस रब का
आप हक़ ..भी अदा नहीं करते
आप सालिब से प्यार करते है
आप उसको ख़फ़ा नहीं करते