आप खुशबू बने फैलने आइए।
आइए आइए अब चले आइए
मेरे दिल में सनम बिन कहे आइए।
आपको जो लिखूं गीत हो आरती
आप गीतों की गुंजन बने आइए।
मेरे ख्वाबों ख्यालों में आप हो
अब हकीक़त में मेरे हुए आइए।
एक दिल आपका है मुहब्बत लिए
आपके दर खड़ा देखने आइए।
मैं बनूं वाटिका दिल के संसार का
आप खुशबू बने फैलने आइए।
मैं हूं “दीपक” अंधेरे में जलता हुआ
गर्म मौसम है मेरे तले आइए।
©®दीपक झा रुद्रा