आप कुछ भी कर सकते हो
पाना चाहे पा ना पाए, ऐसी कोई मंज़िल नहीं।
पर जूझे है लहरों से जो, पाता है इक साहिल वही।।
पहले तो मिलते हैं काँटें, फूलों तक जाना हो अगर।
पीछे मुड़के ना देखो तुम, संकट आएँ कितने डगर।
जो तूफ़ानों से है डरता, उसको कुछ भी हासिल नहीं।
पर जूझे है लहरों से जो, पाता है इक साहिल वही।।
इक अवसर छूटा गर तुमसे, कमियाँ खोज़ो फिर से चलो।
हिम्मत ना हारो जीवन में, आशा की छाँवों में पलो।
किस्मत को कोशोगे बैठे, तुमसा कोई ग़ाफ़िल नहीं।
पर जूझे है लहरों से जो, पाता है इक साहिल वही।।
कोई किसका लगता क्या है, पूजें सब कर्मो को यहाँ।
ओरों पर निर्भर रहके तुम, पाओगे ना इज्ज़त यहाँ।
रहमों पर पलने वाले-सा, होता कोई काहिल नहीं।
पर जूझे है लहरों से जो, पाता है इक साहिल वही।।
पाना चाहे पा ना पाए, ऐसी कोई मंज़िल नहीं।
पर जूझे है लहरों से जो, पाता है इक साहिल वही।।
#आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com