आप कितने अपने हैं….
आप कितने अपने हैं और कितने पराए हैं।
ये न बताइये, हमने खुद आजमाए हैं।।
तुमने कितना दुःख-दर्द हमसे बांटा है।
हमने मांगी महफिल, तुमने दिया सन्नाटा है।।
अपने प्रगाढ़ संबंधों का, हमने कुछ यूँ लगाया अन्दाजा है।
जब-जब कराहा है हमने, तुमने टी.वी. टोन बढ़ाया है।।
हमने तुम्हारी राहों में फूल बिछाए, तुमने हमारे लिए बोया कांटा है ।
दोस्त होकर भी दुश्मन जैसे, गला काटा है।।
हमें मिली हंसी, तुमने मुंह फुलाए हैं।
बस कुछ मत कहिए, हमने आजमाए हैं ।।