Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2023 · 3 min read

आप और हम जीवन के सच

आप और हम जीवन के सच के साथ आज हम एक ऐसी कहानी और कल्पना या सच यह तो हमारे पाठक ही बता पाएंगे बस इस कहानी में एक ऐसा जोरदार है जोकि जीवन में सच और धर्म के साथ चलने का वादा कर चुका है और ऐसे जीवन के मोड़ पर आ जाता है जहां उसे बहुत कुछ त्याग और बलिदान करना पड़ता है आज हम ऐसे ही जीवन की कहानी लेकर आए हैं नीलेश जो कि अपने घर पर देख नौकरी की प्रतियोगिता के लिए दूसरे शहर लखनऊ आता है संभ्रांत परिवार का नौजवान था उसकी उम्र 28 वर्ष थी और वह अपने घर में सबसे छोटा भाई था अपने घर से बस के सफर में निकला कब जिस सीट पर बैठा था उसी सीट पर एक महिला जिसकी उम्र करीब 35-40 वर्ष के बीच की होगी तब नीलेश ने कहा क्या मैं आपके साथ बैठ सकता हूं मैं बोली हां हां क्यों नहीं बैठे, बस लखनऊ के चल पड़ी । हम बातें करते रहे आपका नाम क्या है राधा मेरा नाम नीलेश है मैं प्राइवेट नौकरी के इंटरव्यू के लिए लखनऊ जा रहा हूं और आप हां मैं भी एक काम से लखनऊ जा रही हूं राधा बोलती है आपकी शादी हो गई नहीं नहीं नीलेश कहता है अभी तो ऐसा इरादा नहीं है आपकी बोली अभी नहीं करी बस रात का सफर शुरू होता है राधा नीलेश के कंधों पर अपना सर रख कर सुस्ताने लगती है निलेश जवान और गठीला बदन का नौजवान था निलेश को भी अच्छा लगने लगा बस रुकी और नीलेश बाहर जाकर चाय और कुछ खाने को ले आया आप खाएंगे नहीं नहीं आप खाइए नीलेश चाय और कुछ खाने को राधा को भी दे देता राधा अपनी उम्र के अनुसार निलेश को पसंद करने लगती है और बस में कुछ ऐसा भी होता है नीलेश और राधा के बीच घटित होता है दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और नीलेश लखनऊ पहुंच कर राधा के घर जाता है और राधा निलेश को बताती है कि वह एक नौकरी करती है परंतु नौकरी गलत रहा की है अब नीलेश समझ जाता है और नीलेश उस रात राधा के साथ उसके घर पर ही रुकता है नीलेश जवानी और नासमझी के दौर से गुजर जाता है तब सुबह राधा कहती है कि तुम अब जा सकते हो । हम जैसी लड़कियों को लोग ऐसे ही इस्तेमाल करते हैं नीलेश कहता है अगर तुम चाहो तो एक अच्छी जिंदगी मेरे साथ बीता सकती हो ,राधा कहती है मैं तुमसे उम्र में बहुत बड़ी हूं नीलेश कहता है अगर जीवन में हम एक दूसरे को समझ ले तो ,उम्र का कोई सवाल नहीं होता राधा कहती है आप ना समझी में ऐसा कह रहे हो और आप और मेरे साथ रात में जो हुआ वह आप जानते हैं नीलेश बोला तभी तो मैं आप से कहता हूं कि आप मेरे साथ चलें और मेरे जीवन में मेरी हम सफर बने और जीवन प्रेम और खुशी के साथ बिताएंगे। राधा भी नीलेश के जज्बातों के साथ विश्वास और एतबार के साथ हमसफ़र बन जाती हैं।
सच तो आप हम समझे पर जिंदगी में हम सभी शारीरिक संबंध और रिश्ते समाज से पूछकर और अनुसार नहीं बनाते है क्योंकि समाज हम से बनता हैं और हम सभी सोचे बस जिंदगी ज़िंदा दिली का नाम है
पढ़ें ✍️ आप और हम जीवन के सच

Language: Hindi
Tag: Story
511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय*
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
हिमांशु Kulshrestha
हम और तुम
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
कहानी
कहानी
Rajender Kumar Miraaj
वर्तमान
वर्तमान
Kshma Urmila
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
As I grow up I realized that life will test you so many time
As I grow up I realized that life will test you so many time
पूर्वार्थ
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
रंग ही रंगमंच के किरदार होते हैं।
Neeraj Agarwal
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
Rituraj shivem verma
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
योग्यताएं
योग्यताएं
उमेश बैरवा
" तरक्की के वास्ते "
Dr. Kishan tandon kranti
* प्यार का जश्न *
* प्यार का जश्न *
surenderpal vaidya
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
Cyclone Situation
Cyclone Situation
Otteri Selvakumar
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
हिंदुत्व - जीवन का आधार
हिंदुत्व - जीवन का आधार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
!! पर्यावरण !!
!! पर्यावरण !!
Chunnu Lal Gupta
लोकतंत्र का खेल
लोकतंत्र का खेल
Anil chobisa
2767. *पूर्णिका*
2767. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...