*•* रचा है जो परमेश्वर तुझको *•*
रचा है जो परमेश्वर तुझको, तू धरती पर भार नहीं
शक्तिपुंज का अंकुर है तू, जग में तू बेकार नहीं
(1) पारब्रह्म परमेश्वर कहता, जीवन तेरा है अनमोल
तू है अलौकिक शक्ति जग की, समझो ना खुद को बेमोल
तू बन जा दुनियाँ को आइड़ल, तेरी हो जयकार वहीं
रचा है जो परमेश्वर …………
(2) आशाओं के दीप जला तू, अपने पथ पर बढ़ता जा
उच्च शिखर लंबी मंजिल तू, कदम बढ़ाते चढ़ता जा
आँधी, तूफां, ये जग रोके, आधार है तू न हार कहीं
रचा है जो परमेश्वर………..
(3) तेरे संकट पत्थर चट्टानें से, तोड़ के आगे बढ़ता जा
वीरों को नहीं असंभव कुछ, तू बाधाओं से लड़ता जा
पर्वत भी शीश झुकाएंगे, तुझे थमने की दरकार नहीं
रचा है तो परमेश्वर…………
लेखक :- खैमसिंह सैनी
M.A, M.Ed, B.Ed
(राजस्थान)
मो.न. 9266034599