आप आते हैं तो बहारों पे छा जाते हैं ।
आप आते हैं तो बहारों पे छा जाते हैं ।
आप जाते हैं तो गुलों को रुला जाते हैं ।
सांस लेते तन्हाई में. वो हिज़्र के लम्हे –
चुपके से दामन में अश्क गिरा जाते हैं ।
सुशील सरना
आप आते हैं तो बहारों पे छा जाते हैं ।
आप जाते हैं तो गुलों को रुला जाते हैं ।
सांस लेते तन्हाई में. वो हिज़्र के लम्हे –
चुपके से दामन में अश्क गिरा जाते हैं ।
सुशील सरना