आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े जंगली। अंदर का भय आपको शिकारी तो नहीं बना दिया ? आपको बायोडायवर्सिटी पार्क की जरूरत है, मानव सभ्य समाज की नहीं, क्यों?
सोचें
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े जंगली। अंदर का भय आपको शिकारी तो नहीं बना दिया ? आपको बायोडायवर्सिटी पार्क की जरूरत है, मानव सभ्य समाज की नहीं, क्यों?
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