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14 May 2017 · 1 min read

आपसे क्यों मुहब्बत हुई

आपसे क्यों मुहब्बत हुई
प्यार की तू इमारत हुई

दिल बहक जब गया आप पर
प्यार की तब इबादत हुई

हो गई है खता कोन सो
जो यहाँ यह वकालत हुई

जब बहस छिड़ गई तीन अप
तब बड़ी ही फजीहत हुई

जब हुई बात मुद्दे पे तो
खूब जमकर सियासत हुई

मर्द तो यह समझता सरल
बाप के लिए अजीयत हुई

खूब हल्ला मचा इस पे तो
बात फिर तो शर्रियत हुई

रूख कट्टर धर्म का हुआ
पर न कोई जहानत हुई

आपसी भेद से दिल बटे
बीच उनके मसाफत हुई

डॉ मधु त्रिवेदी

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