आपसे आपकी बात कर लूं…
कशमकश उहापोह भरी जिंदगी
आ तुझसे, हाथ दो-चार कर लूं।
जो होगा,वो देखा जाएगा,
उस पर अभी क्यों ध्यान धर लूं।
अब तक निपटे हैं बिना डरे
व्यर्थ न सोच, न विचार करें।
इसलिए थोड़ा विश्राम कर लूं।
आपसे, आपकी ही बात कर लूं।
कशमकश उहापोह भरी जिंदगी
आ तुझसे, हाथ दो-चार कर लूं।
जो होगा,वो देखा जाएगा,
उस पर अभी क्यों ध्यान धर लूं।
अब तक निपटे हैं बिना डरे
व्यर्थ न सोच, न विचार करें।
इसलिए थोड़ा विश्राम कर लूं।
आपसे, आपकी ही बात कर लूं।