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14 Dec 2024 · 1 min read

आपसी कलह में सबके हित का हुआ बॅंटाधार,

आपसी कलह में सबके हित का हुआ बॅंटाधार,
एक छोटी सी उम्मीद जगी थी वो भी गया बेकार,
आओ मिल बैठकर पुनः सोचते कोई नई तरकीब,
नहीं तो पूरा लोकतंत्र एक बार फिर होगा शर्मसार।

…. अजित कर्ण ✍️

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