क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏
निगाह मिला के , सूरज पे ऐतबार तो कर ,
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।
मैं भी भूल जाऊं तुझको तो बता कौन सा है गम...!!
हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ए...
चलो खुशियों के दीपक जलायें।
*हृदय की वेदना कैसे, कहो किसको बताऍं हम (गीत)*
बात बिगड़ी थी मगर बात संभल सकती थी
निकल पड़ो कभी ऐसे सफर पर भी
23/48.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है (लघुकथा)
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं