आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा
आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा।
इन निगाहों की तक़दीर संवर जाए तो अच्छा।
आपके आने से हमको ये ख़ुशी जो मिली है,
बस इसी से जीवन ही भर जाए तो अच्छा।
मन में कितने ही ज़ख्म संभाले हुए हैं,
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा।
जीवन में जाने कितनों ने हमें बर्बाद किया है,
आपका साथ हो और हम भी उबर जाएं तो अच्छा।
जाने कितने ही बरस अब तक तन्हाई में कटे हैं,
अब कोई आप सा हमसफ़र मिल जाये तो अच्छा।
————– शैंकी भाटिया
सितम्बर 23, 2016