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12 May 2021 · 1 min read

आपके दखस्वत हो गए

***** आपके दखस्वत हो गए *****
******************************

दिल तोड़ करकहाँ तुम.रुख़सत हो गए,
हमारी बही में आपके दखस्वत हो गए।

दिल को आईना समझ कर तोड़ दिया,
कहर बरसा कर तुम तो निवृत हो गए।

आँखों से टपकते आँसू मन बहुत भारी,
गम के सागर में डुबो आश्वस्त हो गए।

उम्र भर कैसे जिऊँ संग जख्मों के तेरे,
जख्म तो नासूर बन कर पर्वत हो गए।

बोलो कैसे सहूँ मोहब्बत का अपमान,
हमें जां की पड़ी तुम्हारे करतब हो गए।

मनसीरत कैसे भुलाए गुजारे दिन रातें,
अश्रु हमारे तुम्हारे लिए शरबत हो गए।
******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 204 Views
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